Google Search Tips || एक उपयोगी जानकारी हैकर्स कैसे इस्तेमाल करते है गूगल को

Hindi Tech Guru
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इस बात मे कोई शक नही कि गूगल ने इंटरनेट जगत मे एक क्राति ला दी है। इसके सर्वज्ञानी सर्च से आप कोई भी मनपसंद विषय या वस्तु खोज सकते है या उसके बारे मे जानकारी प्राप्त कर सकते है। पर क्या आप इस बात से वाकिफ है कि बहुत से हैकर्स और करैकर्स भी गूगल का इस्तेमाल करते है। जी हां हैकर्स कई तरह से गूगल का इस्तेमाल कर अपने शिकार के बारे मे जानकारी जुटाते है। हालाकि वे आपकी ओर हमारी तरह साधारण सर्च न करके कुछ एडवांस सर्च और कमांड का उपयोग करते है। आज मै आपको बता रहा हू कुछ ऐसे ही एडवांस सर्च और तरीको के बारे मे जिन्हे हैकर्स और करैक्र्स इस्तेमाल करते है।

गूगल बना प्रोक्सी सर्वर
इस अचूक तरीके का इस्तेमाल तब किया जाता है जब मेन सर्वर से कुछ वेबसाइट्स को बैन कर दिया गया है। हैकर्स गूगल को प्रॉक्सी सर्वर की तरह इस्तेमाल कर अपनी मनपसन्द वेबसाइड पर जा सकते है और वेबसर्वर एडमिनिस्ट्ेटर को इस बात की भनक भी नही होती वे इसके लिए गूगल ट्रांसलेट का उपयोग करते है। गूगल की इस सुविधा का इस्तेमाल आमतौर पर किसी भाषा के वाक्य को किसी दूसरी भाषा मे तब्दील करने के लिए किया जाता है। पर यदि हम वाक्य की जगह वेबसाइड का यूआरएल डालें तो वह किसी ओर भाषा मे हमारे सामने आएगी। यह इसलिए होता है क्योकि मेन सर्वर पर कोई भी वेबसाइड एसके आईपी एड्ेस और यूआरएल द्वारा बेन की जाती है और गूगल ट्रांसलेट इस्तेमाल करने पर (www.youtube.com) के वेबपेज पहले गूगल ट्रांसलेट पर ट्रांसलेट होते है और उसके बाद मेन सर्वर तक पहुंचते है। गूगल को इस तरह प्रॉक्सी सर्वर की तरह इस्तेमाल करने पर गुगल ट्रांसलेट का आईपी एड्ेस मेन सर्वर पर जाता है जिससे सर्वर को यह भ्रम होता है कि गूगल ट्रांसलेट की मांग कर रहे है न कि (www.youtube.com) की और उन्हे अपनी मनपंसद वेबसाइड ट्रांसलेट भाषा मिल जाती है।

हैकर्स गूगल द्वारा सेव किए गए कैश्ड पेज का इस्तेमाल भी करते है। इन्हे इस्तेमाल करने के लिए गूगल सर्च के पन्नो मे दिए गए किसी भी लिंक के नीचे दिए गए cached के लिंक को क्लिक करना होता है। इसके बाद जो पेज खुलते है वह असल मे गुगल द्वारा पहले से स्टोर किया हुआ पेज होता है। इससे हैकर्स बिना उस वेबसाइड के सर्वर पर जाए उस वेबसाइड को देख सकते है। यहां उन्हे सबसे बडा फायदा इस बात का मिलता है कि वेबसाइड के सर्वर पर उनके आईपी एड्ेस का सुराग नही रहता और उन्हे पकड़ना कठिन हो जाता है।

गूगल स्पेशल सर्च आपरेटर
आपके सर्चिग के काम को आसान बनाने के लिए गूगल स्पेशल सर्च आपरेटर देता है इनसे आप अपनी सर्च को कई गुना आसान बना सकते है। निचे दिए गए कुछ ऐसे ही स्पेशल सर्च आपरेटर है जिनका हैकर्स बडे चाव से इस्तेमाल करते है।

site आपरेटर
site आपरेटर का इस्तेमाल हैकर्स किसी भी डोमेन के वेबसर्वर के नाम व उसके बारे मे अधिक जानकारी पाने के लिए करते है। उदाहरण के लिए गूगल सर्च मे (site:washingtonpost.com)(site:www.washingtonpost.com) का इस्तेमाल करने पर गूगल (www.washingtonpost.com) के अलावा (washingtonpost.com) डोमेन के बाकी सभी वेबसर्वर के वेबपेज रिटर्न करेगा। इससे हैकर्स को पता चल जाता है कि (www.washingtonpost.com) के अलावा (washingtonpost.com) डोमेन के और कितने वेबसर्वर है।

link आपरेटर
link आपरेटर का इस्तेमाल करने पर गूगल वह वेबपेज रिर्टन करता है जो एक स्पेसीफाइड यूआरएल का link करते है। उदाहरण के लिए गूगल मे (link:www.youtube.com) करने पर वह वेबपेज रिटर्न आते है जिनमे कहीं ना कहीं (www.youtube.com) का लिंक हो।

ext आपरेटर
ext आपरेटर का इस्तेमाल करने पर गूगल वह वेबपेज रिर्टन करता है जिनका एक खास एक्सटेंशन हो। यह खास एक्सटेंशन आप गूगल सर्च मे ही देते है। उदाहरण (hacker ext:pdf) सर्च करने पर वह pdf फाइल्स रिटर्न आती है जिनके नाम मे hacker आता है।

inurl आपरेटर
inurl आपरेटर गूगल के सबसे शक्तिशाली आपरेटर्स में से एक है। इसका इस्तेमाल करने पर केवल वह वेबपेज आते है, जिनके यूआरएल मे एक खास शब्द या वाक्य आता है। उदारणतया inurl:hacking सर्च करने पर वह वेबपेज रिटर्न आते है। जिनके यूआरएल मे hacking शब्द आता है।

cache आपरेटर
cache आपरेटर इस्तेमाल करके आप किसी वेबसाइड के गूगल द्वारा कैश्ड पेजेज को देख सकते है। आपको सिर्फ (cache:www.yahoo.com) सर्च करना होगा और गूगल आपको yahoo के कैश्ड पेजेज दिखा देगा।

intext आपरेटर
intext आपरेटर का इस्तेमाल कर हैकर्स गूगल से वह वेबपेजेज रिटर्न करवाते है। जिनके बॉडी कन्टेन्ट मे कोई खास शब्द आता है। आपको सिर्फ intext:hacking सर्च करना होगा और गूगल आपको वह वेबपेज रिटर्न करेगा जिनके अन्दर hacking शब्द लिखा होगा। हैकर्स इसका भी काफी उपयोग करते है। याद रहे कि intext आपरेटर सिर्फ बॉडी टेक्स्ट को ही पकड़ पाता है न कि लिंक, टाइटल और यूआरएल के शब्दो को।

intitle आपरेटर
intitle hacking सर्च करने से वही वेबपेज रिटर्न आते है, जिनके टाइटल बार मे hacking शब्द आता है।

related आपरेटर
related आपरेटर का हैकर्स तब प्रयोग करते है जब उन्हे किसी वेबसाइड से मिलती जुलती कई और वेबसाइड के बारे मे पता करना होता है। अब आप भी इस सर्च का प्रयोग कर सकते है। आपको करना सिर्फ यह होगा कि गूगल सर्च मे (related:www.yahoo.com)लिखें और गूगल आपको याहू जैसे कई और सर्च इंजन के नाम बता देगा। यह आप किसी भी वेबसाइड के साथ कर सकते है

अब आप जान चुके है कि हैकर्स अपने सर्च को आसान कैसे बनाते है। हालाकि हैकर्स इन आपरेटर से और भी बहुत कुछ कर सकते है जिसकी जानकारी मै आपको बहुत जल्दी दुंगा जिसमे मै आपको पासवर्ड की जानकारी, लाइव कैमरा, वेबसर्वर का वर्जन नंबर ज्ञात करना बताउंगा तो इंतजार किजिए मेरी अगली पोस्ट का आपको ये जानकारी केसी लगी कमेंट्स देकर बताये जरुर

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8टिप्पणियाँ

क्या आप को ये पोस्ट अच्छा लगा तो अपने विचारों से टिपण्णी के रूप में अवगत कराएँ

  1. बहुत अच्छी जानकारी
    एस जानकारी से गूगल बाबा को और समझेगे ...

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  2. दिमाग के द्वार खोलने वाली जानकारी है |

    जवाब देंहटाएं
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