हिंदी टेक गुरु के सभी पाठको को होली की रंग बिरंगी शुभकामाए
होली के दिन हर कोई रंगीन होने के मसगुल हो जाता है लेकिन सबके अपने अपने रंग होते है कोई मेरी तरह होली के दिन शांत जगह जाकर होली का इंजॉय करते है। तो कोई खूब रंग लगाकर होली बनाते है। सबके अपने अपने अंदाज है होली बनाने के।
जब हम छोटे थे तो होली के एक हफ्ता पहले से ही लोगो को छुप छुप कर पानी से भरे गुब्बारे मारे करते थे और जब आज बड़े हो गये है तो गली मोहल्ले के उन बच्चो से छुपकर निकलने की कोशिश करते है जो हाथो में गुब्बारा लिए मारने के लिए तेयार रहते है। इन बच्चो को देखकर हमे भी अपना बचपन याद आ जाता है बचपन में हर कोई होली के टाइम ऐसा ही हो जाता है छुप छुप कर गुब्बारे मारने का मजा ही कुछ और होता है बचपन में...........
मुझे अपना बचपन अच्छी तरह याद है. बचपन में होली के दिन मैं कही बिस्तरों के अन्दर, कभी किसी घर के कोने में छुप जाया करता था. ताकि कोई मुझे रंग ना लगा सके। लेकिन तब भी हर कोई मुझे छुपा हुवा देख लेता था और पकड़ने के बाद इतनी बुरी तरह रंग लगाता था की एक हफ्ते तक उसका असर होता था मैं चाहे जितना उनके सामने रो कर उन्हें रंग लगाने को मना करता रहू लेकिन कोई मेरी मजबूरी नहीं समझता था बस मुझे पकड़ा और लाल काले रंगों से पूरा शरीर पोत दिया जाता।
बचपन में होली आते ही मेरे मन में बस एक ही प्लान चला करता था। की ऐसी जगह छुपुंगा की कोई देख भी नहीं पायेगा और ना ही कोई रंग लगा पायेगा। आज बड़ा होने के बाद भी होली के रंगों का डर मेरे दिल में है। लेकिन अब में किसी बिस्तर या घर के कोने में नहीं बल्कि ऐसी जगह जाता हु। जहा हर कोई आने से डरता है। हर साल मेरी घुमने की जगह बदलती रहती है। बचपन में तो मैं अकेला ही कही छुप जाया करता था। लेकिन अब मेरे साथ और भी साथी होते है। जिन्हें होली खेलना पसंद नहीं वो भी मेरे साथ ही घुमने जाते है।
जहां दुसरे त्योहारो मनाना या न मनाना आदमी की मर्जी पर था, वही होली कोई चाहे या न चाहे उसे खेलनी ही होती थी। यदि किसी ने डरकर घर मे छिपने की कोशिश की तो दरवाजा पीट पीट कर कई बार तो दरवाजा तोड़ कर होली खेलने के लिए निकाला जाता था। फिर एक साथ सब लोग एक व्यक्ति पर टूट पडते थे। जिस तरह लोग दशहरे पर जाने के लिए विशेष कपडे दस दिन पहले से ही तैयार करा लेते थे उसी प्रकार होली के लिए भी फटे-पुराने कपडे पहले से छांट लिए जाते है ऐसे कपडे देखकर बर्तन वाला भी जिन्हे देखकर दूर से हांथ जोड ले।
होली मे अपना पराया कोई नही देखा जाता। बल्कि शिकार का इंतजार किया जाता है। शिकार का मतलब दूसरे मोहल्ले से गुजरने वाले व्यक्ति। शिकार मिलते ही लोग उस पर झपटते। वह हाथ जोडकर अपनी मजबूरी बताता लेकिन कोई उसके उपर रहम न करता और उसे पकडकर काले सफेद रेग से रंग दिया जाता रंग ऐसे होते है कि एक हफ्ते तक भी आपका साथ न छोडे
यह ही होती है होली की धमाचोकडी हर तरफ रंग ही रंग होता है।
होली का इन्तजार उन लोगो को भी होता है। जिन्हें नशा करने की आदत होती है। होली के दिन तो कमाल ही हो जाता है। शुबह शुबह चाए की जगह शराब का सेवन किया जाता है और शराब पिकर नशे में चूर होकर निकल जाते है लोगो को रंग लगाने के लिए।
लेकिन सच कहु तो शराब पिने के बाद वो अपना ही मजाक उडवाते है लोगो के बिच जाकर। अगर होली बनानी है तो बिना शराब पी कर बिना किसी नशे के बनाये फिर देखे होली का मजा वेसे मेरे पास उन लोगो के लिए स्पेशल बधाई का मेसेज है जो पुरे दिन नशे में चूर रहते है होली के दिन।
ये मेसेज खाश उनके लिए जो होली के दिन ड्रिंक करते है
दारू की खुशबु , गुटगे की मिठास,
गांजे की रोटी और चरस का साग,
भांग के पकोड़े और विल्स का प्यार,
मुबारक हो आपको नशेड़ियो का त्यौहार
HAPPY HOLI बुरा न मनो होली है..........
अब लिखना बंद करता हु क्युकी अब मुझे भी जाना है बहुत दूर ये पहला ऐसा मोका है जब होली के एक दिन पहले ही घर से दूर जा रहा हु पुरे दो दिनों तक कंप्यूटर और इंटरनेट की दुनिया से भी दूर होना पड़ेगा चलते चलते आपके लिए कुछ होली के गानों के लिंक और होली के गेम के लिंक छोड़ जाता हु ताकि आपकी होली और रंगीन हो जाए
होली के गानों के लिए यहाँ क्लीक करे। और होली के गेम का पहला लिंक यहाँ है। दुसरे गेम के लिए यहाँ क्लीक करे। तीसरे लिंक के लिए यहाँ क्लीक करे और जी भर कर लोगो को गुब्बारा मारे।
लाल आपके गालो के लिए
गोल्डन आपके बालो के लिए
नीला आपकी आँखों के लिए
गुलाबी आपके होटो के लिए
पिला आपके सपनो के लिए
सफेद आपके मन के लिए
और
हरा आपके जीवन के लिए
होली के इन साथ रंगों के साथ आपकी जिन्दगी रंगीन हो
HAPPY HOLI........
होली के दिन हर कोई रंगीन होने के मसगुल हो जाता है लेकिन सबके अपने अपने रंग होते है कोई मेरी तरह होली के दिन शांत जगह जाकर होली का इंजॉय करते है। तो कोई खूब रंग लगाकर होली बनाते है। सबके अपने अपने अंदाज है होली बनाने के।
जब हम छोटे थे तो होली के एक हफ्ता पहले से ही लोगो को छुप छुप कर पानी से भरे गुब्बारे मारे करते थे और जब आज बड़े हो गये है तो गली मोहल्ले के उन बच्चो से छुपकर निकलने की कोशिश करते है जो हाथो में गुब्बारा लिए मारने के लिए तेयार रहते है। इन बच्चो को देखकर हमे भी अपना बचपन याद आ जाता है बचपन में हर कोई होली के टाइम ऐसा ही हो जाता है छुप छुप कर गुब्बारे मारने का मजा ही कुछ और होता है बचपन में...........
मुझे अपना बचपन अच्छी तरह याद है. बचपन में होली के दिन मैं कही बिस्तरों के अन्दर, कभी किसी घर के कोने में छुप जाया करता था. ताकि कोई मुझे रंग ना लगा सके। लेकिन तब भी हर कोई मुझे छुपा हुवा देख लेता था और पकड़ने के बाद इतनी बुरी तरह रंग लगाता था की एक हफ्ते तक उसका असर होता था मैं चाहे जितना उनके सामने रो कर उन्हें रंग लगाने को मना करता रहू लेकिन कोई मेरी मजबूरी नहीं समझता था बस मुझे पकड़ा और लाल काले रंगों से पूरा शरीर पोत दिया जाता।
बचपन में होली आते ही मेरे मन में बस एक ही प्लान चला करता था। की ऐसी जगह छुपुंगा की कोई देख भी नहीं पायेगा और ना ही कोई रंग लगा पायेगा। आज बड़ा होने के बाद भी होली के रंगों का डर मेरे दिल में है। लेकिन अब में किसी बिस्तर या घर के कोने में नहीं बल्कि ऐसी जगह जाता हु। जहा हर कोई आने से डरता है। हर साल मेरी घुमने की जगह बदलती रहती है। बचपन में तो मैं अकेला ही कही छुप जाया करता था। लेकिन अब मेरे साथ और भी साथी होते है। जिन्हें होली खेलना पसंद नहीं वो भी मेरे साथ ही घुमने जाते है।
जहां दुसरे त्योहारो मनाना या न मनाना आदमी की मर्जी पर था, वही होली कोई चाहे या न चाहे उसे खेलनी ही होती थी। यदि किसी ने डरकर घर मे छिपने की कोशिश की तो दरवाजा पीट पीट कर कई बार तो दरवाजा तोड़ कर होली खेलने के लिए निकाला जाता था। फिर एक साथ सब लोग एक व्यक्ति पर टूट पडते थे। जिस तरह लोग दशहरे पर जाने के लिए विशेष कपडे दस दिन पहले से ही तैयार करा लेते थे उसी प्रकार होली के लिए भी फटे-पुराने कपडे पहले से छांट लिए जाते है ऐसे कपडे देखकर बर्तन वाला भी जिन्हे देखकर दूर से हांथ जोड ले।
होली मे अपना पराया कोई नही देखा जाता। बल्कि शिकार का इंतजार किया जाता है। शिकार का मतलब दूसरे मोहल्ले से गुजरने वाले व्यक्ति। शिकार मिलते ही लोग उस पर झपटते। वह हाथ जोडकर अपनी मजबूरी बताता लेकिन कोई उसके उपर रहम न करता और उसे पकडकर काले सफेद रेग से रंग दिया जाता रंग ऐसे होते है कि एक हफ्ते तक भी आपका साथ न छोडे
यह ही होती है होली की धमाचोकडी हर तरफ रंग ही रंग होता है।
होली का इन्तजार उन लोगो को भी होता है। जिन्हें नशा करने की आदत होती है। होली के दिन तो कमाल ही हो जाता है। शुबह शुबह चाए की जगह शराब का सेवन किया जाता है और शराब पिकर नशे में चूर होकर निकल जाते है लोगो को रंग लगाने के लिए।
लेकिन सच कहु तो शराब पिने के बाद वो अपना ही मजाक उडवाते है लोगो के बिच जाकर। अगर होली बनानी है तो बिना शराब पी कर बिना किसी नशे के बनाये फिर देखे होली का मजा वेसे मेरे पास उन लोगो के लिए स्पेशल बधाई का मेसेज है जो पुरे दिन नशे में चूर रहते है होली के दिन।
ये मेसेज खाश उनके लिए जो होली के दिन ड्रिंक करते है
दारू की खुशबु , गुटगे की मिठास,
गांजे की रोटी और चरस का साग,
भांग के पकोड़े और विल्स का प्यार,
मुबारक हो आपको नशेड़ियो का त्यौहार
HAPPY HOLI बुरा न मनो होली है..........
अब लिखना बंद करता हु क्युकी अब मुझे भी जाना है बहुत दूर ये पहला ऐसा मोका है जब होली के एक दिन पहले ही घर से दूर जा रहा हु पुरे दो दिनों तक कंप्यूटर और इंटरनेट की दुनिया से भी दूर होना पड़ेगा चलते चलते आपके लिए कुछ होली के गानों के लिंक और होली के गेम के लिंक छोड़ जाता हु ताकि आपकी होली और रंगीन हो जाए
होली के गानों के लिए यहाँ क्लीक करे। और होली के गेम का पहला लिंक यहाँ है। दुसरे गेम के लिए यहाँ क्लीक करे। तीसरे लिंक के लिए यहाँ क्लीक करे और जी भर कर लोगो को गुब्बारा मारे।
लाल आपके गालो के लिए
गोल्डन आपके बालो के लिए
नीला आपकी आँखों के लिए
गुलाबी आपके होटो के लिए
पिला आपके सपनो के लिए
सफेद आपके मन के लिए
और
हरा आपके जीवन के लिए
होली के इन साथ रंगों के साथ आपकी जिन्दगी रंगीन हो
HAPPY HOLI........
Mynk g apko bhi holi ki subh kamny
जवाब देंहटाएंyuvraj vyas(kachhola)
होली का रंग धुल जायेगा,
जवाब देंहटाएंदोस्तों का रंग ना धुल पायेगा,
यही तो असली रंग है जिन्दगी का,
जो हर पल गहरा होता जायेगा
होली की ढेर सारी शुभकामनायें
मयंक भाई और इस ब्लग मे आनेवाले सभीको मेरी ओरसे होली कि ढेर सारी शुभाकमनाएं ||
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