मेरी पिछली दो पोस्ट में आपने दिवाली के बारे में पढ़ा पहली पोस्ट में दीपावली के लिए एक बेहतरीन वेबसाईट और दूसरी पोस्ट में दीपावली के एक से बढ़कर एक वालपेपर आपके कंप्यूटर के लिए आज की पोस्ट भी दीपावली से जुडी है आज मैं एक वेबसाईट से कॉपी करके आपको वो जानकारी दे रहा हु जो शायद आपको ना हो
दीपावली को मनाए बेहतर रूप से
चायनिज वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आप अपना घर सजाएं तो आपके घर पैसों की बारिश होगी ही साथ ही किस्मत भी बदल जाएगी।जानें कैसे
- फेंगशुई की मान्यता के अनुसार लाफिंग बुद्धा घर में रखने से घर में हमेशा पैसा और किस्मत साथ देगी एवं खुशी और प्रसन्नता का माहौल बना रहता है।
- मछलियां, दर्पण, क्रिस्टल, घंटी, बांसुरी, कछुआ, सिक्के, लाफिंग बुद्धा आदि घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने का कार्य करते हैं।
- ड्रेगन के मुंह वाला जीवन यान घर की सुख-समृद्धि के साथ ही परिवार की आयु में वृद्धि करता है।
- हाथी का जोड़ा संतान इच्छुक दम्पति के कमरे में रखना बहुत शुभ माना जाता है। इसे मुख्य द्वार के पास लगाना सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
- घर में एक्वेरियम रखने से घर की सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है और किस्मत साथ देती है।
- मछली जल की प्रतीक होती है और फेंगशुई में जल धन का प्रतीक है। जल की उपस्थिति घर या कार्यालय में माँगलिक ऊर्जा की सूचक है, जिसका फल सौभाग्यवद्र्धक होता है।
- चायनिज मछली बिजनेस में फायदा, नौकरी में पदोन्नति एवं उपलब्धि की प्रतीक मानी जाती है।
दीपावली पर धनलक्ष्मी कर देगी मालामाल अगर घर के बाहर हो ये निशान
दीपावली रौशनी और खुशहाली का पर्व है। इस दिन श्री गणेश जी एवं लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गणेश एवं लक्ष्मी जी उस घर मे रहने के लिये आते हैं जिस घर मे उनका पूजा सत्कार किया जाता है। गणेश पूजा के बिना कोई भी पूजन अधूरा होता है इसलिए लक्ष्मी के साथ गणेश पूजन भी किया जाता है। घर को साफ-सुथरा कर रंगोली और स्वस्तिक बनाने की भी परंपरा है। दरअसल स्वस्तिक को गणेशजी का प्रतीक माना जाता है।
सभी मांगलिक चिन्हों में से स्वस्तिक सबसे कल्याणकारी चिन्ह है। इस चिन्ह को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। शुभ कार्यो में आम की पत्तियों को घर के दरवाजे पर बांधा जाता है। क्योंकि आम की पत्ती, इसकी लकड़ी और फल को ज्योतिष की दृष्टी से भी बहुत शुभ माना जाता है। मंगल प्रसंगों के अवसर पर पूजा स्थान तथा दरवाजे की चौखट और प्रमुख दरवाजे के आसपास स्वस्तिक चिन्ह बनाने की परंपरा है। वे स्वस्तिक कतई परिणाम नहीं देते, जिनका संबंध प्लास्टिक, लोहा या स्टील से हो।
सोना, चांदी, तांबा, पंचधातु या आम की लकड़ी से बने स्वस्तिक प्राण प्रतिष्ठित करवाकर चौखट पर लगवाने से सुखद परिणाम देते हैं, जबकि रोली-हल्दी-सिंदूर से बनाए गए स्वस्तिक संतुष्टि ही देते हैं। अगर आप मालामाल बनना चाहते हैं और पारिवारिक प्रगति चाहते हैं तो ऐसे स्वस्तिक यंत्र गुरु-पुष्य तथा दीपावली के अवसर पर लक्ष्मी श्रीयंत्र के साथ लगाना लाभदायक है।
दीपावली से जुडी और जानकारी आप यहाँ और यहाँ क्लीक करके पता कर सकते है
बहुत सुंदर ..
जवाब देंहटाएं.. आपको दीपावली की शुभकामनाएं !!