अगर मैं आपसे पुछु की बचपन में आप क्रिकेट कहा खेलते थे तो आप में से बहुतो का जवाब होगा कि गली में खेलते थे गली में क्रिकेट खेलने का ही मजा कुछ और था पडोसी बेचारे चिल्लाते रहते थे कि बंद करो क्रिकेट हमे सोने दो पर हम कहा मानने वाले थे पूरा क्रिकेट खेलकर ही मानते थे और कभी कभी तो घरो में लगे कांच के शीशे या बल्ब टूट जाते थे बचपन में खेला हुवा क्रिकेट आज भी याद आता है
लेकिन जब बड़े हुवे तो कम्पूटर में क्रिकेट गेम खेलने का मोका मिला लेकिन वो मजा नहीं आया जो गली में खेलकर आता था आज मैं आप सब के लिए ऐसा ही गेम लेकर आया हु जो आपको आपके बचपन की याद दिला देगा आपने कंप्यूटर पर क्रिकेट तो बहुत खेला होगा लेकिन जो मैं आज आपके लिए क्रिकेट का गेम लाया हु वो आपने कभी नहीं खेला होगा इस क्रिकेट का नाम है गली का क्रिकेट इसे खेलना इतना आसन नहीं है जितना आप सोच रहे हो चाहो तो खेल कर देख लो इस गली के क्रिकेट को खेलकर आपको सच में बहुत मजा आयेगा
इस बेहतरीन गैम को डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लीक करे और खो जाए बचपन की यादो में
चलते चलते किसी की कि शायरी मेरी जुबानी
याद आते है वो स्कूल के दिन
ना जाते थे स्कूल दोस्तों के बिन
कैसी वो दोस्ती थी कैसा था वो प्यार
एक दिन की जुदाई से डरते थे जब आता था शनिवार
चलते चलते पथरों में मारते थे ठोकर
कभी हसते गाते तो कभी चलते थे रोकर
कन्धों मैं किताब लिए हाथ में बोतल पानी
किसे पता था बचपन की दोस्ती बिछुड़ा देगी जवानी
याद आते है वो शयाही से रंगे हाथ
क्या दिन थे वो जब करते थे लंच साथ
छुटटी की घंटी सुनते ही वो भाग के कमरे से बहार आना
फिर हँसते हँसते दोस्तों से मिल जाना
काश वो दोस्त आज भी मिल जाते
दिल में फिर से बचपन के फूल खिल जाते
याद आते है वो स्कूल के दिन
ना जाते थे स्कूल दोस्तों के बिन
लेकिन जब बड़े हुवे तो कम्पूटर में क्रिकेट गेम खेलने का मोका मिला लेकिन वो मजा नहीं आया जो गली में खेलकर आता था आज मैं आप सब के लिए ऐसा ही गेम लेकर आया हु जो आपको आपके बचपन की याद दिला देगा आपने कंप्यूटर पर क्रिकेट तो बहुत खेला होगा लेकिन जो मैं आज आपके लिए क्रिकेट का गेम लाया हु वो आपने कभी नहीं खेला होगा इस क्रिकेट का नाम है गली का क्रिकेट इसे खेलना इतना आसन नहीं है जितना आप सोच रहे हो चाहो तो खेल कर देख लो इस गली के क्रिकेट को खेलकर आपको सच में बहुत मजा आयेगा
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याद आते है वो स्कूल के दिन
ना जाते थे स्कूल दोस्तों के बिन
कैसी वो दोस्ती थी कैसा था वो प्यार
एक दिन की जुदाई से डरते थे जब आता था शनिवार
चलते चलते पथरों में मारते थे ठोकर
कभी हसते गाते तो कभी चलते थे रोकर
कन्धों मैं किताब लिए हाथ में बोतल पानी
किसे पता था बचपन की दोस्ती बिछुड़ा देगी जवानी
याद आते है वो शयाही से रंगे हाथ
क्या दिन थे वो जब करते थे लंच साथ
छुटटी की घंटी सुनते ही वो भाग के कमरे से बहार आना
फिर हँसते हँसते दोस्तों से मिल जाना
काश वो दोस्त आज भी मिल जाते
दिल में फिर से बचपन के फूल खिल जाते
याद आते है वो स्कूल के दिन
ना जाते थे स्कूल दोस्तों के बिन
mayank bhai application failed likh raha hai.....window 7 pe ye game chalega ya nahi??????
जवाब देंहटाएंYR awesome
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंधन्यवाद.